मप्र : 20 माह में 52 से अधिक बाघों की मौत, CBI जांच की मांग
By एम् पी अलर्ट, 28 April, 2017, 18:31
बाघों के संरक्षण के लिए काम करने वाले वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने बताया कि 19 जनवरी 2017 को संजय टाइगर रिजर्व में शिकार के कारण मौत का शिकार हुई, बाघिन के जीवित तीन शावकों को बांधवगढ़ में बचाने की कोशिश की जा रही थी। टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक के ताला स्थित कैंप बंगले में प्लास्टिक की डमी बाघिन बनाकर तीनों शावकों को दूध देकर बचाने की कथित कोशिश की गई, लेकिन लगातार लापरवाह मानवीय दखल और अपर्याप्त सक्षम वन्य प्राणी चिकित्सा के कारण 22, 23 और 26 अपैल को तीनों शावकों की मौत हो गई। डायरेक्टर ने बिना साइंटिफिक प्रकिया और मान्यता प्राप्त लैब की रिपोर्ट के दावा किया कि शावकों की मौत घातक पार्वो वायरस से हुई, लेकिन हमारी जानकारी के अनुसार ये सच को छुपाने की कोशिश थी।
दुबे का दावा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला जोन कोर एरिया में प्रवेश करने के लिए बने वीआईपी गेट के निकट फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक के कैंप बंगले में रखे तीनों शावकों को 19 अपैल को मुख्यमंत्री शिवराज के साथ 200 लोगों ने देखा, जोकि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन था। वहीं 21 अप्रैल को रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ करीब 50 लोगों ने शावकों को देखा।
अजय का कहना है कि भीषण गर्मी में शावकों को संक्रमण से बचाने की बजाय वीआईपी लोगों को भ्रमित कर कानून का उल्लंघन करने वालों ने शावकों की नुमाइश की और वीआईपी आगमन के तत्काल बाद 22, 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक बेहद दुर्लभ तीनों बाघ शावकों को संक्रमण के कारण असमय मौत का शिकार होना पड़ा। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली को दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं उन्होंने मप्र के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक को तत्काल हटाया जाए और सीबीआई जांच करवाने की घोषणा करें। सीबीआई बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस प्रकरण के साथ पिछले सालों में बड़े पैमाने पर शिकार हुए बाघों सहित मप्र के अन्य मामलों की भी जांच करे और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करे। वन्यजीवों की चिकित्सा हेतु तत्काल वन्य प्राणी चिकित्सकों का काडर और स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठित किया जाये।
दुबे का दावा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला जोन कोर एरिया में प्रवेश करने के लिए बने वीआईपी गेट के निकट फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक के कैंप बंगले में रखे तीनों शावकों को 19 अपैल को मुख्यमंत्री शिवराज के साथ 200 लोगों ने देखा, जोकि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन था। वहीं 21 अप्रैल को रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ करीब 50 लोगों ने शावकों को देखा।
अजय का कहना है कि भीषण गर्मी में शावकों को संक्रमण से बचाने की बजाय वीआईपी लोगों को भ्रमित कर कानून का उल्लंघन करने वालों ने शावकों की नुमाइश की और वीआईपी आगमन के तत्काल बाद 22, 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक बेहद दुर्लभ तीनों बाघ शावकों को संक्रमण के कारण असमय मौत का शिकार होना पड़ा। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली को दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं उन्होंने मप्र के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक को तत्काल हटाया जाए और सीबीआई जांच करवाने की घोषणा करें। सीबीआई बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस प्रकरण के साथ पिछले सालों में बड़े पैमाने पर शिकार हुए बाघों सहित मप्र के अन्य मामलों की भी जांच करे और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करे। वन्यजीवों की चिकित्सा हेतु तत्काल वन्य प्राणी चिकित्सकों का काडर और स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठित किया जाये।