औबेदुल्लागंज में चिकलोद सीमा पर बाघ के ग्रामीण पर हमला, आधे शरीर को खा गया

औबेदुल्लागंज/ खातेगाँव

देवास जिले में गुरुवार सुबह तेंदुए ने हमला कर ग्रामीण को घायल कर दिया। घटना खातेगांव के विक्रमपुर सब रेंज की है। यहां आमला – हरणगांव के बीच जंगल में जगदीश माली तेंदू पत्ता तोड़ रहे थे। उनके साथियों ने शोर कर तेंदुए को भगाया।

भोपाल वन क्षेत्र के औबेदुल्लागंज में चिकलोद सीमा पर बाघ के ग्रामीण पर हमला कर दिया। जिसके बाद उनके आधे शरीर को खा गया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इंसान पर हमला करने की बाघ की यह पहली घटना है। इस घटना के बाद से आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है।

जानकारी के अनुसार रायसेन वन परिक्षेत्र के तहत खरवई बीट के रंगपुरा केसरी के जंगल में नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। इसी दौरान उन पर बाघ ने हमला कर दिया। जिसके बाद उनके नीचे के आधे शरीर को खा गया।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित क्षेत्र में दो बाघ का मूवमेंट है। गांव के लोगों को जंगल में ना जाने के लिए मुनादी कराई गई है। वन विभाग की तरफ से मृतक के परिवार को आठ लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है। वन विभाग जंगल में बाघ की सर्चिंग कर रहा है।   

 

 बाघ ने पहली बार इंसान को मारकर खाया, दहशत में आए लोग, वन विभाग की अपील- सावधान रहें!

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सीमा में एक बाघ ने इंसान पर हमला करके उसे मार दिया। इसके बाद उसे खा लिया। घटना भोपाल के वन क्षेत्र ओबैदुल्लागंज के पास की है। यहां चिकलोद और नीमखेड़ा सीमा क्षेत्र में एक बाघ ने पहले एक व्यक्ति की गर्दन पर हमला किया, उसके बाद उसके शव के निचले हिस्से को खा लिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार नीमखेड़ा क्षेत्र के 62 वर्षीय बुजुर्ग मनीराम जाटव तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गए थे। इसी दौरान यह घटना घटी है।

भोपाल वन वृत में बाघ के द्वारा किसी इंसान पर हमले की यह पहली घटना है। घटना के सामने आते ही वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। अधिकारियों के अनुसार इस क्षेत्र में ट्रैप कैमरे नहीं लगाए गए हैं, इसलिए यह पता नहीं लग पाया है कि किस बाघ ने हमला किया है। अब वन विभाग ग्रामीणों को समझाइश दे रहा है कि यहां के नागरिक जंगल में न जाएं।

डिविजनल फॉरेस्ट अधिकारी (डीएफओ) विजय कुमार ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया है कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। भोपाल वन क्षेत्र में बाघ की फूड चेन में इंसान शामिल नहीं हैं। उन्होंने आगे बताया कि आशंका जताई जा रही है कि तेंदुपत्ता तोड़ते समय मृतक मनीराम जाटव चौपाया स्थिति में रहे होंगे, यानी कि वे झुकी हुई स्थिति में रहे होंगे, इस वजह से बाघ ने चौपाया समझकर उन पर हमला कर दिया। बाघ ने जब उनके शव का पिछला हिस्सा खाया होगा, उसके बाद उसे एहसास हुआ होगा कि यह उसकी फूड चैन का हिस्सा नहीं है, इसलिए बाघ ने मनीराम के शव को इस अवस्था में छोड़ दिया।

सुबह गए, दोपहर तक नहीं आए

मनीराम की परिजनों के अनुसार मनीराम सुबह 6:00 बजे नीमखेड़ा के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे, लेकिन दोपहर 12:00 तक भी लौटकर नहीं आए। इसके बाद ग्रामीणों का एक दल उनकी तलाश में निकला। शाम को मनीराम का शव जंगल में मिल गया।

गर्दन पर किया हमला

बताया जा रहा है कि बाघ ने मनीराम की गर्दन पर हमला किया होगा, क्योंकि उनके गर्दन की हड्डी टूटी थी। उसके बाद उनके दोनों पैरों का और पिछले हिस्से का मांस खा लिया। अब वन अधिकारी इस बात को लेकर चिंता में हैं कि आखिर किस बाघ ने मनीराम पर हमला किया है। क्योंकि इस इलाके में आमतौर पर दो बाघों का मूवमेंट है। भोपाल के चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट राजेश खरे ने बताया कि भोपाल वन क्षेत्र में यह पहला मामला है, जब किसी इंसान पर बाघ ने हमला किया है, हम इस मामले की जांच करवा रहे हैं।

18 से अधिक टाइगर सक्रिय

आपको बता दें कि भोपाल से सटे जंगल में 18 से अधिक बाघों का मूवमेंट है। जबकि 5 से अधिक तेंदुए भी इन क्षेत्रों में देखे गए हैं। सभी बाघ रातापानी वन्यजीव अभयारण्य, भोपाल वन के जंगल के बीच भ्रमण करते रहते हैं। वहीं, 4 से 5 बाघों का ही भोपाल के जंगल में मूवमेंट दिखाई देता है।

वन में बढ़ा इंसानों का दखल

वन्य जीव संरक्षण से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं का कहना है कि भोपाल के आसपास घना जंगल है। यहां पर निर्माण सहित अन्य गतिविधियों में इंसान का दखल तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण आसपास के बाघ भी हमलावर होने लगे हैं। मनीराम पर बाघ द्वारा हमला करना एक नई चिंता बन गई है।

 

 

 

Related Articles

Back to top button