रत्नागिरी से भदभदा तक 14km की ब्लूलाइन में बनेंगे 13 मेट्रो स्टेशन

भोपाल
राजधानी में सुभाष नगर से रानी कमलापति तक मेट्रो का ट्रायन रन हो चुका है। अब एम्स से सुभाष नगर तक करीब सात किलोमीटर के प्रायोरिटी कारिडोर में मेट्रो का कामर्शियल रन शुरू किया जाएगा। इधर रत्नागिरी तिराहे से भदभदा चौराहे तक मेट्रो की ब्लूलाइन के निर्माण के लिए भी कंपनी ने काम शुरू कर दिया। इसमें 14 किलोमीटर का एलिवेटेड कारिडोर, 13 मेट्रो स्टेशन, रोलिंग स्टाक समेत अन्य निर्माण कार्यों में 1122 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वर्ष 2026 तक ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। जबकि एम्स से करोंद तक प्रस्तावित करीब 16 किलोमीटर कारिडोर का काम 2027 तक पूर्ण होगा। इसके बाद शहर के 30 किलोमीटर मार्ग में मेट्रो का संचालन किया जाएगा।

 बता दें कि सुभाष नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक करीब पांच किलोमीटर के प्रायोरिटी कारिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस एलिवेटेड मार्ग में सितंबर 2023 से मेट्रो का ट्रायल रन करना है। इस मार्ग का 90 प्रतिशत सिविल वर्क पूरा हो गया है। अब ट्रैक बिछाने और इलेक्ट्रिफिकेशन से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं। जबकि सुभाष नगर से करोंद तक करीब 9.83 किलोमीटर एलिवेटेड व भूमिगत कारिडोर निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही इस मार्ग का निरीक्षण करने और इसमें रोड़ा बन रहे निर्माण को हटाने के बाद कारिडोर का काम शुरू किया जाएगा।

भूमिगत ट्रैक के लिए 60 हजार घनमीटर पत्थर की होगी खोदाई
आरेंज लाइन में ऐशबाग स्थित आरा मिल से डीआइजी बंगला तक दो किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक भूमिगत होगा। इसके अंदर दो मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसमें इलेक्ट्रीफिकेशन, पत्थरों की खोदाई समेत अन्य कार्यों में 892 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस दौरान दो किलोमीटर टनल बनाने के लिए 60 हजार घन मीटर पत्थर निकालना पड़ेगा।

सुभाष नगर से करोंद तक 647 करोड़ रुपये से बनेगा एलिवेटेड कारिडोर
एम्स से सुभाष नगर तक करीब 16 किलोमीटर एलिवेटेड व भूमिगत कारिडोर में मेट्रो का संचालन किया जा रहा है। इसमें एम्स से सुभाष नगर तक 90 फीसद सिविल वर्क पूरा हो गया है। अब सुभाष नगर से ऐशबाग स्थित आरा मिल तक एलिवेटेड कारिडोर बनेगा। जबकि इसके आगे आरामिल से मेट्रो भूमिगत हो जाएगी, जो सिंधी कालोनी के पास स्थित बड़े बाग से एलिवेटेड कारिडोर तक पहुंचेगी। डीआइजी बंगला से करोंद तक फिर एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण होगा। इसमें 647 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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