‘जिस गांव से जितना ज्यादा वोट, उसे उतनी नौकरी’, वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस नेता ने दी सफाई

नई दिल्ली
 हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इसको लेकर समय कम है और राज्य में राजनीति का पारा भी गर्मा चुका है। इसी बीच फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह चुनावी जनसभा के दौरान मंच से खुलेआम वोट के बदले नौकरी देने की बात कह रहे हैं।

इतना ही नहीं कांग्रेस नेता यह भी कहते दिखे कि जिस गांव से जितने ज्यादा वोट मिलेंगे, उतनी ही ज्यादा नौकरी भी मिलेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में नीरज शर्मा कह रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2 लाख नौकरी देने जा रहे हैं। जिताकर भेज दो, इसमें से 2 हजार का कोटा हमें मिलेगा। 50 वोट पर एक नौकरी की सिफारिश की गई है। जिस गांव से जितनी ज्यादा वोट मिलेंगे, उस गांव को उतनी नौकरी मिलेगी। यह सिर्फ मेरा फैसला नहीं है, यह सभी का फैसला है, कल को आप इसे मुझे पर ना थोप दें।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी कांग्रेस नेता नीरज शर्मा का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”हुड्डा की नीयत और कांग्रेस के असली चाल चरित्र का प्रचार करते हुए, कांग्रेस मेनिफेस्टो का पहला वादा नौकरी फिर पर्ची-खर्ची पर बाटेंगे।”

हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता नीरज शर्मा ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा की आईटी सेल ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया। इनकी सरकार में कोई भर्ती नहीं हुई, सिर्फ पेपर लीक हुए हैं। मैं एक ही बात कहना चाहता हूं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर युवाओं की नौकरी दी जाएगी।

बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर एक फेज में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो राज्य में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा के खाते में 40 सीटें आई थी। वहीं, जेजेपी को 10 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थी।

भाजपा और जेजेपी ने मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग की बात नहीं बन पाने के कारण जेजेपी ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच पहले गठबंधन के कयास लग रहे थे। बाद में दोनों दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था।

 

 

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