भूमाफियाओं के खिलाफ भगवान दास सबनानी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर एफ़आइआर दर्ज कराने का किया अनुरोध

भोपाल

भोपाल के लेक व्यू फार्म नीलबड रोड थाना क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां भूमाफिया और सहकारी संस्था के कुछ अधिकारियों ने कृषि भूमि का बार-बार विक्रय करके करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले में अनिल अग्रवाल ने  पुलिस को विस्तृत शिकायत दी है, जिसमें भूमि की फर्जी रजिस्ट्री, संपत्ति को अलग-अलग व्यक्तियों को बार-बार बेचने, और अधिकारियों की मिलीभगत का दावा किया गया है।

क्या है मामला?

अनिल अग्रवाल के अनुसार, उन्होंने पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के अध्यक्ष अशोक गोयल से कृषि भूमि खरीदी थी। लेकिन इस भूमि को अशोक गोयल, यावर अली, रजिया खान और उनके सहयोगियों द्वारा फर्जी तरीके से कई अन्य लोगों को भी बेचा गया। जमीन की रजिस्ट्री बार-बार करवाकर भोपाल के नवजोत सिंह ढिल्लन सहित अन्य लोगों के नाम पर फिर से इस भूमि को रजिस्टर्ड किया गया, जिससे एक संगठित धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है।

बार-बार विक्रय और प्रशासनिक मिलीभगत

अनिल अग्रवाल की शिकायत में बताया गया है कि यावर अली और रजिया खान ने पहले इसी संपत्ति को विनोद शर्मा को बेचा, फिर बाद में पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था और अंततः नवजोत सिंह ढिल्लन को विक्रय कर दिया। अनिल का दावा है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमाफियाओं का पूरा सहयोग किया, जिसके चलते यह फर्जीवाड़ा संभव हो पाया। आरोप यह भी है कि नवजोत सिंह ढिल्लन ने रजिस्ट्री में अग्रिम चेक जमा करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उसे नकद नहीं कराया गया।

भूमाफियाओं की गिरोहबंदी

यह मामला एक सुनियोजित षड्यंत्र का संकेत देता है, जिसमें भूमाफिया एक ही संपत्ति को कई बार विक्रय करके लोगों से भारी रकम ऐंठ रहे हैं। अनिल अग्रवाल और अन्य पीड़ितों ने इस प्रकरण में धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक षड्यंत्र जैसी गंभीर धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का भरोसा दिलाया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई है।

अनिल अग्रवाल ने भोपाल पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है, ताकि वे इस षड्यंत्र से बच सकें और दोषियों को कानूनन सजा मिल सके।

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