सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान, MP में मंत्रियों को अनुभव के आधार पर जल्द मिलेगा जिलों का प्रभार
भोपाल
मध्य प्रदेश की नई सरकार को 7 महीने बीत गए हैं, लेकिन जिलों को प्रभारी मंत्री नहीं मिल सके हैं। इस बीच, एक बड़ी खबर सामने आ रही है। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जल्द ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने जा रहे हैं। आने वाले दो—तीन दिनों में इसका ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ मंत्रियों को दो जिलों का प्रभार मिल सकता है, जबकि नए—नवेले मंत्रियों को एक जिले का ही प्रभार मिलेगा।
किसी को एक तो किसी को मिलेंगे दो जिले
खास बात यह है कि कुछ मंत्रियों को गृह जिलों का प्रभार देने पर भी विचार चल रहा है। गौरतलब है कि राज्य में 55 जिले हैं और मुख्यमंत्री सहित 32 मंत्री हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चाहते हैं कि सभी 55 जिलों में प्रभारी मंत्री रहें, ताकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अधिक से अधिक जिलों में मंत्री ध्वजारोहण कर सकें। प्रभार देते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि मंत्रियों को ऐसे जिले दिए जाएंगे, जिनकी सीमाएं एक-दूसरे से लगी हों।
राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए वरिष्ठ मंत्रियों को दो जिले और पहली बार के मंत्रियों को एक-एक जिले का प्रभार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही यह बात कह चुके हैं कि 15 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के प्रभारी मंत्री मुख्य अतिथि होंगे।
इनको मिलेंगे प्रमुख जिले
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बाद कद्दावर मंत्रियों में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और इसके बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह शामिल हैं। इन्हें दो जिलों का प्रभार दिये जाने पर विचार चल रहा है।
अनुभव के आधार पर मिलेंगे जिले
मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Sarkar) कुछ मंत्रियों को गृह जिलों का प्रभार देने पर भी विचार कर रही है। आपको बता दें कि प्रदेश में 55 जिले हैं और मुख्यमंत्री सहित 32 मंत्री हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) चाहते हैं कि सभी 55 जिलों में प्रभारी मंत्री रहें, जिससे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ज्यादा से ज्यादा जिलों में मंत्री ध्वजारोहण कर सकें। प्रभार देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि मंत्रियों को ऐसे जिले दिए जाएंगे, जिनकी सीमाएं एक-दूसरे से लगी हों।
राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों को देखते हुए वरिष्ठ मंत्रियों को दो जिले और पहली बार बने मंत्रियों को एक जिले का प्रभार सौंपा जा सकता है। सीएम डॉ. मोहन यादव पहले ही यह बात कह चुके हैं कि 15 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के प्रभारी मंत्री मुख्य अतिथि होंगे।
मध्य प्रदेश में सीएम डॉ. मोहन यादव के बाद कद्दावर मंत्रियों में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और इसके बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह शामिल हैं। इन्हें दो जिलों का प्रभार दिये जाने पर विचार चल रहा है।