शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने ऐलान कर दिया था कि अब राजनीति में वह या देवेंद्र फडणवीस रहेंगे, अभी BMC चुनाव बाकी
नई दिल्ली
बात जुलाई 30 की है, शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने ऐलान कर दिया था कि अब राजनीति में वह या देवेंद्र फडणवीस रहेंगे। इसके बाद जब 23 नवंबर को चुनाव के नतीजों का ऐलान हुआ, तो 90 से ज्यादा सीटों पर मैदान में उतरी शिवसेना यूबीटी 20 सीटों पर सिमट गई। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने 132 पर जीत हासिल की और महायुति की सरकार भी बना ली। अब चर्चाएं BMC यानी बृह्नमुंबई चुनाव को लेकर शुरू हो गई हैं।
उद्धव ने क्या कहा था
उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'अनिल देशमुख ने अब खुलासा कर दिया है कि कैसे फडणवीस ने मुझे और आदित्य को जेल में डालने की साजिश की थी। मैंने सब कुछ सहन किया, लेकिन मजबूती के साथ खड़ा रहा। तो अब राजनीति में या तो मैं या वह रहेंगे। आज मेरे पास कोई पार्टी, चिह्न या पैसा नहीं है, लेकिन मैं भाजपा को चुनौती दै रहा हूं, क्योंकि मेरे पास शिवसैनिकों की ताकत है।'
विधानसभा चुनाव में क्या हुआ
विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से MVA यानी महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच था। MVA में शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एसपी थे। जबकि, महायुति में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी थे। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 महायुति के खाते में आईं थी। जबकि, शिवसेना यूबीटी 20, कांग्रेस 16 और सीनियर नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी एसपी महज 10 सीटों पर ही जीत सकी थी।
अब BMC चुनाव की तैयारी
कई छोटे राज्यों के सालाना बजट से ज्यादा वाली BMC में चुनाव होने हैं। शहर के 36 विधानसभा क्षेत्रों वाली मुंबई में 227 वार्ड को चुना जाना है। हालांकि, अब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि 2025 की शुरुआत में चुनाव हो सकते हैं। हाल ही में उद्धव ने पार्टी नेताओं और पूर्व पार्षदों के साथ बैठक की थी।
पिछले BMC चुनाव के नतीजे
इससे पहले BMC का चुनाव साल 2017 में हुआ। तब अविभाजित शिवसेना सबसे 84 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, भाजपा के खाते में 82 सीटें आई थीं। कांग्रेस घटकर 31 सीटों पर आ गई थी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को 7 सीटें मिली थीं।
क्या अकेले लड़ेगी शिवसेना यूबीटी
MVA की करारी हार के बाद चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि उद्धव गठबंधन से दूरी बना सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई पार्टी नेता शिवसेना यूबीटी को अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की सलाह दे रहे हैं। जबकि, उद्धव, संजय राउत और आदित्य ठाकरे समेत कई बड़े नाम गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में नजर आ रहे हैं।