वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी क्रॉकरी कर सकती है आपको आबाद

वास्तु शास्त्र में क्रॉकरी (रसोई में उपयोग होने वाले बर्तन जैसे प्लेट्स, कप, गिलास, चम्मच आदि) रखने की दिशा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखते हैं और नकारात्मकता से बचाते हैं। यहां कुछ विशेष वास्तु उपाय बताए जा रहे हैं, जो विशेष रूप से क्रॉकरी और बर्तन रखने के लिए प्रभावी हैं।
क्रॉकरी रखने की सही दिशा
उत्तर-पूर्व दिशा: यह दिशा उर्जा और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस दिशा में क्रॉकरी रखने से घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति आती है। यह दिशा चन्द्रमा और गुरु का स्थान है और जब बर्तन या क्रॉकरी यहां रखी जाती है, तो यह घर में अच्छा स्वास्थ्य और धन की वृद्धि करती है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा: यह दिशा बर्तन रखने के लिए एक खास दिशा है क्योंकि यहां रखे गए बर्तन आपके जीवन में स्थिरता और शांति लाते हैं। यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती। इस दिशा में क्रॉकरी रखने से परिवार के सदस्य मानसिक शांति महसूस करते हैं।
बर्तनों को एक ही जगह पर रखना
क्रॉकरी को संयम से रखें: वास्तु के अनुसार, आपको अपनी क्रॉकरी को एक जगह पर और व्यवस्थित रूप से रखना चाहिए। बर्तन इधर-उधर बिखरे नहीं होने चाहिए। इससे घर में अशांति और कन्फ्यूजन की स्थिति उत्पन्न होती है।
बर्तन की सफाई और देखभाल: क्रॉकरी को हमेशा साफ और टूटे-फूटे बर्तनों से मुक्त रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटे हुए बर्तन नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे बर्तन घर में नहीं रखने चाहिए क्योंकि ये घर में समृद्धि और शांति को प्रभावित कर सकते हैं।
क्रॉकरी का सही दिशा में संग्रहण
पश्चिम दिशा: अगर आपको क्रॉकरी रखने के लिए किसी अलग स्थान की तलाश है, तो पश्चिम दिशा एक अच्छे विकल्प के रूप में काम कर सकती है। यह दिशा बर्तन रखने के लिए उचित मानी जाती है, क्योंकि यहां से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है और घर में खुशहाली आती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा: यह दिशा बर्तन रखने के लिए खासतौर पर तब उपयुक्त है, जब बर्तन या क्रॉकरी का प्रयोग परिवार के बाहर के सदस्य अधिक करते हों जैसे मेहमान या अतिथि। उत्तर-पश्चिम दिशा में क्रॉकरी रखने से आपके घर में मेहमानों के लिए सुखद वातावरण रहता है और ऊर्जा का सही संचार होता है।