मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले तक थोक एसएमएस, वाइस मैसेज, आडियो-विजुअल डिस्प्ले पर रोक

भोपाल

मध्यप्रदेश में चार चरणोें में हो रहे लोकसभा चुनावों के दौरान सभी 29 लोकसभा सीटों पर हर चरण में मतदान के 48 घंटे पहले कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार और उनके समर्थक किसी उम्मीदवार के पक्ष में थोक एसएमएस, वॉइस संदेश  या ऑडियो विजुअल डिस्प्ले से प्रचार नहीं कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने इस पर प्रतिबंध लगाया है।

इनका उल्लंघन करने पर दो साल की कैद और जुर्माना या दोनो सजाएं साथ भी दी जा सकेंगी। भारत निर्वाचन आयोग ने  लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारो के मीडिया प्रचार के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार टेलीविजन, सिनेमैटोग्राफ या इसी तरह के अन्य संचार माध्यमों से किसी भी चुनावी मामले (विज्ञापन या प्रचार आदि) का प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध किसी भी मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले तक की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।  कोई भी व्यक्ति सिनेमैटोग्राफ, टेलीविजन या अन्य समान उपकरण के माध्यम से किसी भी चुनावी मामले को जनता के समक्ष प्रदर्शित नहीं करेगा।

इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति को दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने या ऐसे इरादे या गणना करने जैसा कोई भी प्रयास चुनावी मामला माना जायेगा। टीवी चैनलों में पैनल चर्चा/बहस और अन्य समाचार और समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसारण के दौरान टीवी/रेडियो चैनलों और केबल नेटवर्क को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिबंधित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों के कंटेन्ट में दृश्य सहित ऐसी कोई भी सामग्री शामिल नहीं है। पैनलिस्टों/प्रतिभागियों द्वारा अपील करने पर उन्हें किसी पार्टी विशेष या उम्मीदवार की संभावना को बढ़ावा देने या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के रूप में माना जा सकता है। इसमें जनमत सर्वेक्षण और मानक बहस, विश्लेषण, दृश्य और ध्वनि-बाइट्स का प्रदर्शन शामिल होगा।

कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा, बशर्ते कि राजनीतिक विज्ञापनों की सामग्री पूर्व-प्रमाणित हो। उनके द्वारा राज्य/जिला स्तर पर एमसीएमसी समिति से अनुमोदन लेना होगा।  पाठकों को गुमराह करने के लिए समाचार सुर्खियों के रूप में राजनीतिक विज्ञापन विशेष रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं किए जाएंगे। किसी पार्टी विशेष की जीत की भविष्यवाणी करने वाले विज्ञापनों पर स्पष्ट प्रतिबंध रहेगा और चुनाव परिणामों से संबंधित किसी भी प्रकार की अटकलों से संबंधित मैटर से भी बचना चाहिए।

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