बिहार-पूर्णिया में एसपी ने 75 पुलिसकर्मियों का रोका वेतन, मामलों के निष्पादन में लापरवाही बरतने पर सजा
पूर्णिया.
पूर्णिया जिले में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने एक साथ 75 पुलिसकर्मियों का वेतन रोकने का आदेश दिया। यह कार्रवाई मामलों के निष्पादन में लापरवाही बरतने के कारण की गई है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और पुलिसकर्मियों में खलबली मची हुई है। एसपी ने स्पष्ट किया कि अगर इन पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाया जाता है, तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। इस कार्रवाई को पुलिस महकमे में जागृति लाने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एसपी के इस आदेश से पुलिसकर्मियों में डर का माहौल बन गया है और वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाने के लिए मजबूर हो गए हैं। एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है, उनमें सबसे अधिक मरंगा थाने के आठ पुलिस पदाधिकारी, बड़हरा कोठी और टीकापट्टी तथा भवानीपुर के सात- सात पुलिस पदाधिकारी, मुफ्फसिल और अमौर थाना के छह-छह पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं। एसपी ने जिन 75 पुलिस पदाधिकारियों का एक साथ वेतन रोकने का आदेश दिया उनमें बीकोठी थाने के वीरेंद्र कवि, रंजन कुमार, विजय पंडित, दीपक कुमार, विलट पासवान और शिवम कुमार शामिल हैं। जबकि भवानीपुर थाने के शंभू प्रसाद, रणविजय कुमार, सतेंद्र कुमार सिंह, मनोज कुमार साह, चंद्रभूषण प्रसाद, जनार्दन प्रसाद और सन्नो प्रवीण शामिल हैं। वहीं, रूपौली थाने के संटू सिंह, कातेश्वर नाथ पाण्डेय, टीकापट्टी थाने के समीर कुमार, कृष्ण कुमार सिंह, राज कुमार राम, ददन कुमार, उपेंद्र कुमार, शामिल हैं। केनगर थाने के जिन पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई गई है उनमें संगीता कुमार, बाबूदीन, सत्यदेव ठाकुर, कसबा थाने की सोनी कुमारी, रंजीत पासवान और शंभू पासवान, सदर थाने की प्रिया कुमारी, अजीत कुमार दास, सुदर्शन राम शामिल हैं। मंरगा थाने के अभय रंजन, मो. चांद मंसूरी, नंदजी प्रसाद, मनोज कुमार पासवान, उत्तम कुमार विष्णुकांत, पप्पू कुमार और संगीता कुमारी शामिल हैं। एसपी ने जिन 75 पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगाई है। उनके द्वारा 125 मामलों की जांच पूरी होने के बाद भी मामलों में न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक आरोप पत्र बड़हरा कोठी के सहायक अवर निरीक्षक इस्लामुद्दीन के पास हैं। उनके पास पांच मामले ऐसे हैं जिनकी जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र समर्पित नहीं किए गए। इसी तरह टीकापट्टी थाने के सहायक अवर निरीक्षक जय प्रकाश यादव द्वारा तीन मामलों की जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र नहीं सौंपे गए। रूपौली थाने की पुलिस अवर निरीक्षक सुष्मिता कुमारी के पास जांच पूरी होने के बाद दो मामले लंबित हैं। टीकापट्टी थाने के ही पुलिस अवर निरीक्षक स्नेहिल द्वारा चार मामलों की जांच पूरी होने के बाद भी आरोप पत्र नहीं सौंपा गया। उनके पास थाना कांड संख्या 80/2024, 81/2024, 83/2024 और 84/2024 का आरोप पत्र नहीं दिया गया है। इस तरह की लापरवाही को एसपी ने गंभीर अपराध मानते हुए वेतन रोकने का आदेश दिया है।