मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने शिवपुरी अस्पताल में गंदगी देख भड़के, वाइपर उठा करने लगे सफाई; एजेंसी पर कराई

 शिवपुरी

खुद सफाई करने को लेकर चर्चा में रहने वाले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी जिला अस्पताल में गंदगी देख भड़क उठे। जिसके बाद उन्होंने ना केवल तत्काल सफाई एजेंसी पर एफआईआर करवा दी, बल्कि परिसर और वार्ड में गंदगी देखकर मंत्री खुद वाइपर उठाकर सफाई करने लगे।

इससे पहले जिले के प्रभारी मंत्री गुरुवार को अचानक शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचे। उनके साथ उनके गार्ड के अलावा कोई भी नहीं था। अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने वार्डों में घूमना शुरू कर दिया। सबसे पहले वे मेडिकल वार्ड में पहुंचे, यहां उन्हें गंदगी मिली, वार्ड के शौचालय की शीट जाम मिली। सर्जिकल वार्ड से लेकर आईसीयू वार्ड में भी उन्होंने गंदगी देखी। इससे मंत्री बिफर गए। जिसके बाद उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए सफाई एजेंसी पर एफआईआर करने के निर्देश दिए।

उधर मंत्री का निर्देश मिलने पर कोतवाली पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए जिला अस्पताल की सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी सिग्मा इंफोटेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और कॉपी मंत्री को लाकर दी।

प्रभारी मंत्री करीब 2 घंटे तक जिला अस्पताल में ही रुके। मंत्री के जिला अस्पताल में घूमने की सूचना लगते ही सिविल सर्जन बीएल यादव, एसडीएम उमेश कौरव, एडिशनल एसपी संजीव मुले और बाद में कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी भी मौके पर पहुंच गए।

निरीक्षण करते हुए मंत्री अस्पताल परिसर में स्थित प्याऊ पर पहुंचे, जहां पर भी उन्हें काफी गंदगी दिखाई दी। जिसके बाद उन्होंने बिफरते हुए कहा कि- इतनी गंदगी के बीच यहां से कौन पानी पी सकता है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए एसडीएम उमेश कौरव को प्याऊ की व्यवस्था दुरुस्त करवाने को कहा। वहीं परिसर में खड़ी एम्बुलेंस पर ड्राइवर मौजूद नहीं होने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई।

इस दौरान अस्पताल की पुलिस चौकी में भी उन्हें कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया, जिसके बाद उन्होंने वहां मौजूद एडिशनल एसपी संजीव मुले को वहां हर समय एक पुलिसकर्मी की तैनाती करने का निर्देश दिया। वहीं अस्पताल में गार्ड के यूनिफॉर्म में नहीं होने पर भी मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर आप ड्रेस में नहीं होंगे तो आपको कौन पहचानेगा।

इसके बाद ऊर्जा मंत्री जिला अस्पताल के गेट पर कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी से जिला अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने की बात कहते हुए चले गए।

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