नई भर्तियां नहीं होने और शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने से बौखलाए नक्सलियों ने बढ़ाई सरकार की चुनौती

रायपुर

नक्सल विरोधी मुहिम के बीच छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय एक हजार सशस्त्र नक्सली सरकार के लिए बड़ी चुनौती हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, साल भर पहले बस्तर में ढाई हजार नक्सली सक्रिय थे। इनमें से 220 से अधिक नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानों ने गत 13 महीनों में मार गिराया है।

करीब 1,200 से अधिक नक्सली या तो आत्मसमर्पण कर चुके हैं या गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्त में आए नक्सलियों ने पुलिस को बताया है कि नक्सलियों की नई भर्तियां रुकी हुई हैं। पुराने और वरिष्ठ कैडर के नक्सली या तो आत्मसमर्पण कर रहे हैं या फिर गिरफ्तार किए जा रहे हैं।

इसी के चलते नक्सली बौखलाए हुए हैं। हालांकि, नक्सल विशेषज्ञों का मानना है कि सक्रिय नक्सलियों के अलावा बस्तर में नक्सलियों के ओवर ग्राउंड वर्कर व समर्थकों की संख्या चार हजार के आस-पास है। समय-समय पर नक्सली इन समर्थकों को बंदूक उठाने या अपने मिशन में इस्तेमाल भी करते हैं।

तेज करना होगा अभियान
बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने आइईडी लगाकर जवानों के वाहन को विस्फोट कर उड़ा दिया, जिसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान बलिदान हो गए और एक वाहन चालक की शहादत हुई है।

इसके बाद एक बार फिर बस्तर में जवानों के मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के तय किए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभियान तेज करना होगा।

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