राजस्थान-जोधपुर में व्यापारी ने दोस्त को दिया अकाउंट, लूट के लाखों रुपये जमा कर निकाले

जोधपुर.

दोस्ती में एक युवक को धोखा मिल गया। दरअसल, बदमाश ने युवक के मित्र के जरिए उसे बातों में लेकर उसके फर्म के करंट अकाउंट का इस्तेमाल किया और फ्रॉड की राशि उसके खाते में जमा करवाई। फिर नकद निकाल लिए, अब मदद करने वाला दोस्त ही संकट में है। उसका करंट अकाउंट आज लाखों रुपये माइनस में चला गया। बैंक ने खाते पर होल्ड भी लगा दिया है, जिससे व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है।

साइबर मामलों के जानकार जोधपुर साइबर क्राइम थाना पुलिस निरीक्षक दिनेश डांगी ने बताया, लोग छोटे-मोटे कमीशन के लालच में अपने खातों की जानकारी दे देते हैं, जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ता है। इसलिए अपने खातों का विवरण किसी को भी न दें। फ्रॉडस्टर रुपये के ट्रांजेक्शन घुमाने के लिए ऐसे खातों का उपयोग करते हैं। लोगों को खुद इसके लिए जागरुक होना पड़ेगा, तभी ऐसी घटनाएं रुकेंगी। महामंदिर थाना एएसआई भौराराम ने बताया, जोधपुर के महामंदिर थाना क्षेत्र में स्टेशनरी का व्यवसाय करने वाले रुद्र सिंह ने थाने में रिपोर्ट दी है। इसमें बताया कि उसका स्टेशनरी का काम है। वह एयरफोर्स में सप्लाई करता है। वहां काम करने वाले चिमन सिंह से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई। जून महीने में चिमन सिंह अपने दोस्त उमेद सिंह के साथ उसकी दुकान पर मिला। उमेद ने कहा, उसका भुगतान आने वाला है। इसके लिए करंट एकाउंट की जरूरत है। मेरा अमाउंट आने पर आपके जो भी बैंक चार्जेज लगेंगे, वह हम आपको दे देंगे। रुद्र सिंह ने बताया कि चिमन सिंह से लंबे समय से जान पहचान थी। इसलिए उसने विश्वास कर दो एकाउंट डिटेल उसे दे दी। उन्होंने बताया कि करंट एकाउंट में 12 से 14 जून के बीच ही 42 लाख 57 हजार 518 रुपये के ट्रांजेक्शन हुए। रुद्र के अनुसार, यह राशि उसने चिमन सिंह के कहे अनुसार समय-समय पर नकद निकाल कर उसे दे दी। 15 जून को जब उसने खाते चेक किए, तो माइनस दिखा रहा था। बैंक जाकर पता किया तो सामने आया कि 42 लाख रुपये के जो ट्रांजेक्शन हुए थे, वह फ्रॉड की राशि थी। इसके चलते बैंक ने एकाउंट पर होल्ड लगा दिया है।

एएसआई के मुताबिक, चिमन सिंह और उसका दोस्त उमेद सिंह दोनों शेरगढ़ के चाबा क्षेत्र के रहने वाले हैं। रुद्र के अनुसार, उमेद सिंह यूएसडीटी का काम करता है। जब उसने चिमन सिंह से कहा कि उसके खाते माइनस में चले गए हैं, तो उसे बताया गया कि गलती से ऐसा हुआ होगा। वे उन्हें कस्टमर से एनओसी दिला देंगे, लेकिन एक महीने तक चक्कर काटने के बाद उमेद सिंह ने फोन बंद कर दिया। इसके बाद पाड़ित ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया।

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