तेल भंडारों और प्राकृतिक गैस से मालामाल सऊदी अरब को एक और जैकपॉट हाथ लगा, जमीन के भीतर से निकला ‘सफेद सोना’

नई दिल्ली
तेल भंडारों और प्राकृतिक गैस से मालामाल सऊदी अरब को एक और जैकपॉट हाथ लग गई है। सऊदी के समुद्री इलाके में लिथियम का भंडार पाया गया है। सऊदी अरब की सरकारी स्वामित्व वाली पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी अरामको ने एक तेल क्षेत्र के पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिथियम निकालना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, एक्सॉन मोबिल और ऑक्सिडेंटल पेट्रोलियम (OXY.N) सहित अन्य तेल कंपनियां भी लिथियम पर काम करने में इच्छुक है।

दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही
कई दशकों से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर रही है। आज  के समय दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है। भारत समेत कई देशों की सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ऑटो कंपनियों को सब्सिडी भी प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में लिथियम भंडार मिलना सऊदी अरब के लिए बड़ी 'गुड न्यूज' है।

लिथियम की खनन को बढ़ावा देने में जुटी सऊदी सरकार
सऊदी अरब के खनन मामलों के डिप्टी मिनिस्टर खालिद बिन सालेह अल-मुदैफर ने घोषणा की है कि राज्य जल्द ही लिथियम की खनन को बढ़ावा देने के लिए कमर्शियल पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में लिथियम की कीमतें बढ़ती है तो सऊदी को जबरदस्त फायदा मिलेगा। दरअसल, जीवाश्म ईंधन का स्रोत तेजी से घट रहे हैं, ऐसे में वैज्ञानिक तेजी से वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों की तलाश कर रहे हैं। लिथियम को सफेद सोना या आधुनिक तेल भी कहा जाता है। लिथियम का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक कारों की बैटरी बनाने में होता है।

भारत में भी मिला लिथियम का भंडार
बता दें कि भारत में भी लिथियम का भंडार मिल चुका है। लिथियम की कीमत अरबों रुपये हैं। जम्मू कश्मीर में लिथियम का भंडार पाया गया है। भारतीय जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा पाए गए लिथियम भंडार का मात्रा 59 लाख टन बताई जा रही है। रिन्यूएबल एनर्जी और लिथियम की मदद से बनने वाली आयन बैटरी में रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर किया जा सकता है। ये रिचार्जेबल बैटरी होती है और इसकी लाइफ भी अधिक होती है।

Related Articles

Back to top button