राजस्थान-अजमेर में विभाजन विभीषिका पर संगोष्ठी, बांग्लादेश जैसी परिस्थितियों से सतर्क रहने की जरूरत

अजमेर.

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, उससे सतर्क रहने की जरूरत है। सिंधी समाज एक पुरूषार्थी कौम है जो विभाजन विभीषिका में सब कुछ खोकर फिर से उठ खड़ा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने रविवार को सूचना केन्द्र में विभाजन विभीषिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली तथा सिंधु साहित्य एवं कल्चरल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान मेें यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। देवनानी ने कहा कि देश के विभाजन के समय सिन्धी समाज ने बहुत बड़ा नुकसान सहा। पाकिस्तान के सिंध में सिंधियों ने अपना सब कुछ खो दिया। सिंधी खाली हाथ भारत आए लेकिन उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। वे पुरूषार्थी बने और काम किया। उन्होंने अपने अथक प्रयासों से समाज और देश की तरक्की में सहयोग किया। देवनानी ने कहा कि सिंधी समाज ने कभी परिस्थितियों से हार नहीं मानी। विपरीत हालातों में भी सिंधी दृढ़ प्रतिज्ञ होकर पुरूषार्थी बने रहे। आज देश में सिंधी जहां भी है वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त के रूप में भारत की तरक्की में हाथ बंटा रहे हैं। उन्होंने सिंधी समाज के युवाओं से आग्रह किया कि अपने विपुल और समृद्ध इतिहास को सदैव याद रखें और अगली पीढ़ी को बताएं तभी हमारा इतिहास जिंदा रहेगा।

बांग्लादेश के हालात बेहद चिंताजनक
उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में जिस तरह के हालात है, वे बेहद चिंताजनक है। वहां भी विभाजनकारी शक्तियां सिर उठा रही है। हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है। बंगाल एवं अन्य राज्यों में धुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं। इसका असर दूसरे राज्यों पर पड़ सकता है। हमने अजमेर में भी पुलिस को निर्देश दिए है कि रोहिंग्या व अन्य घुसपैठियों पर नजर रखें और उन्हें बाहर भेंजे।

विभाजन के समय सिंधी समाज ने झेली तकलीफें
सिंधी समाज के युवा व समाज संगठित एवं संस्कारवान बनें। सिंधु साहित्य एवं कल्चरल सोसायटी के अध्यक्ष सुन्दर मटाई ने कहा कि सिंधी समाज पुरूषार्थी समाज है। विभाजन में समाज ने बहुत तकलीफें झेली हैं। इसके बावजूद सिंधी समाज ने देश में अपनी पहचान बनाई है। युवा पीढ़ी को आगे आकर समाज निर्माण को अपने हाथों में लेना होगा। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. हासो दादलानी एवं डॉ. परमेश्वरी पमनाणी ने अपना उद्बोधन किया। संस्था सचिव श्री लक्ष्मण चैनानी, सदस्य मन्जू चैनानी, ऋतु मोतिरमानी, पूनम लालवानी, श्वेता शर्मा, दयाल प्रियानी, महेश लौगानी, किशन बदलानी आदि ने विरह के गीतों एवं नृत्य से समां बांध दिया। सर्वानन्द माध्यमिक विद्यालय, हरी सुन्दर बालिका विद्यालय, संत कंवरराम विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने गीत एवं नृत्य प्रस्तुत करके श्रोताओंं में जोश जगा दिया। संस्था सचिव लक्ष्मण चैनानी ने धन्यवाद प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक सचिव श्वेता शर्मा एवं संगठन सचिव दयाल प्रियानी ने मंच संचालन किया।

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