Punjab में पंचायत चुनाव से पहले भाजपा को झटका, जाखड़ का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा

चंडीगढ़

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक साल पहले ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी। इस्तीफा देने को लेकर सुनील जाखड़ ने चुप्पी साधे रखी है। आलाकमान ने अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक जाखड़ पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मई 2022 में भाजपा में शामिल हो गए थे।

14 महीने बाद सुनील ने दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी थी। बीजेपी ने 4 जुलाई 2023 को उन्हें पंजाब बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। लेकिन 14 महीने बाद सुनील ने इस पद से इस्तीफा दे दिया। सुनील जाखड़ प्रदेश कार्यकारिणी की जरूरी बैठकों से दूरी बनाए हुए हैं।

कुछ नेताओं से नाराज हैं सुनील
बताया जा रहा है कि सुनील जाखड़ 10 जुलाई के बाद से पार्टी की प्रदेश इकाई की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए। कहा तो भी जा रहा है कि प्रदेश बीजेपी सदस्यता अभियान में भी हिस्सा नहीं किया। बताया जा रहा है कि सुनील बीजेपी के कुछ नेताओं से नाराज चल रहे हैं।

 सुनील जाखड़ का राजनीतिक सफर
सुनील जाखड़ तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। वह पहली बार 2002 में अबोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। जहां एक दर्जन गांवों में जाखड़ जाति की अच्छी खासी आबादी है। 2007 और 2012 में वह अबोहर से फिर विधानसभा चुनाव जीते।
इसके बाद वह गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद भी बने। सुनील जाखड़ 2017 से 2021 के बीच पंजाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया गया था।
 
पंजाब में जाखड़ का अच्छा राजनीतिक तजुर्बा है। हिंदू और जाट समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। सुनील जाखड़ के पास पंजाब की राजनीति में बेहतरीन अनुभव के साथ-साथ गांव और शहर में अच्छी पैठ भी है। हर विधानसभा में उनका अपना एक काडर है।
पंजाब भाजपा महासचिव अनिल सरीन ने इस खबर को निराधार और झूठा करार दिया कि सुनील जाखड़ ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, "जाखड़ भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं और अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।" यह विपक्षी दलों द्वारा फैलाया जा रहा झूठा प्रचार है।

 

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