बिहार-नालंदा से संजीव मुखिया का भतीजा पकड़ाया, पेपर लीक में ईओयू ने तीन आरोपियों को दबोचा
नालंदा.
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईओयू की टीम ने छापेमारी कर तीन परीक्षा माफियाओं को पकड़ा है। इनमें से अमन कुमार और करण कुमार नालंदा का रहने वाला है। अमन नीट पेपर लीक केस का मास्टरमाइंट संजीव मुखिया का भतीजा है। संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिव के रूम में ही करण और अमन रहते थे। वहीं सुचिंद कुमार वैशाली का निवासी है। सुचिंद्र पेपरलीक केस के मास्टरमाइंट विशाल चौरसिया का सहयोगी है।
दरअसल, पिछले साल एक, सात और पंद्रह अक्टूबर को सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमें पेपरलीक होने के आरोप लगे थे। आरोप लगा कि संजीव मुखिया व ग्रामीण कार्य विभाग का निलंबित अकांउटेंट विशाल चौरसिया ने पेपरलीक की साजिश रची थी। इसके लिए कोलकाता के ब्लेसिंग सिक्योर व कॉलटेक्स प्रिंटिंग प्रेस से संपर्क किया गया था। इतना ही नहीं कॉलटेक्स के निदेशक को 1.50 करोड़ रुपये भी दिए गए थे। विशाल चौरसिया ने ही शिक्षक बहाली पेपर लीक की साजिश रची थी। उसने वैशाली के सुचिंद्र कुमार की मदद से शिक्षक भर्ती का पेपर उड़ाया था। सुचिंद्र विशाल के साथ ओडिशा एसएससी पेपर लीक कांड में जेल भी जा चुका है।
गड़बड़ी रोकने के लिए कई अलग-अलग टीमों को तैनात
बता दें कि आज से केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती परीक्षा ले रही है। यह परीक्षा 28 अगस्त तक चलेगी। किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से कई अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम लगातार फरार चल रहे परीक्षा माफियाओं के खिलाफ छापेमारी कर रही है। साइबर सेल की टीम भी निगरानी कर रही है। साइबर थाना एवं आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से सोशल मीडिया आदि पर परीक्षा से संबंधित निगरानी प्रारम्भ की जा चुकी है और संदिग्ध बातों अथवा व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। पर्षद द्वारा परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छतापूर्ण परीक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं. जिसमें प्रत्येक कक्ष एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी जिसकी लाइव फीड पर्षद मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होगी।